पोकरा योजना महाराष्ट्र 2024 नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना यानि पोकरा योजना। इस योजना का नाम भारतरत्न नानाजी देशमुख के नाम पर रखा गया है। इस कृषि संजीवनी योजना की मुख्य उद्देश कृषि विभाग, महाराष्ट्र सरकार और विश्व बैंक द्वारा सूखा राहत और जलवायु हर बार बदलते चक्र को ध्यान में रखकर के किसानों को विकसित करने के लिए बनाई गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण और योजना है।
नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से आधुनिक तकनीक का सही उपयोग करना सिखाना है। ताकि किसान कृषि से अच्छी गुणवत्ता वाली उपज पैदा कर सकें, और अपने जीवन स्तर में सुधार कर सकें।
किसानों के लिए लाभ
- इस योजना के तहत किसानों को ड्रिप सिंचाई, फ्रॉस्ट सिंचाई यानी स्प्रिंकलर, फार्म, खेत में लाइनिंग जैसी विभिन्न गतिविधियों के लिए सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।
- छोटी जोत वाले किसानों के मामले में पानी के लिए कुओं की योजना शामिल है
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यदि किसानों ने खेतों में कुएं और खेत ले रखे हैं, तो योजना में ऐसे किसानों को कुएं से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए एक पाइपलाइन भी शामिल है।
- पॉली हाउस, पॉली टनल जैसी संरक्षित खेती तकनीकों के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध है।
- इस योजना के माध्यम से गोदाम की सुविधा भी प्रदान की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को बाजार मूल्य कम होने पर भी अपनी फसल बेचनी न पड़े क्योंकि फसल कटाई के बाद उनके पास भंडारण की कोई सुविधा नहीं होती है।
- इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलने वाले लाभ का भुगतान उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में डीबीटी(DBT) के माध्यम से किया जाता है।
- नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना के अंतर्गत महिलाओं, दिव्यांगजनों और भूमिहीन मजदूरों को विशेष सुविधाएं दी गई हैं।
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पोकरा योजना महाराष्ट्र जरुरी जानकारी
नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी यानी पोकरा योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
- सबसे पहले आवेदक किसान होना चाहिए और महाराष्ट्र राज्य का निवासी होना चाहिए।
- पोकरा योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाता है जो अपनी भूमि का उपयोग कृषि कार्यों के लिए करते होंगे।
- इस योजना के अंतर्गत 5 हेक्टर से अधिक भूमि रखने वाले किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
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जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों के लिए सौ प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है।
मिट्टी में कार्बन अवशोषण दर बढ़ाने के लिए सौ प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है।
एकीकृत कृषि पद्धतियों के लिए 50% सब्सिडी प्रदान की जाती है।
जलवायु अनुकूल कृषि प्रोत्साहन अनुदान उपलब्ध कराना। इसमें सौ प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
पानी के कुशल और टिकाऊ उपयोग के लिए 50% सब्सिडी प्रदान की जाती है।
कृषि उत्पादन के लिए जलवायु अनुकूल उद्यान-उन्मुख मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करने में 50% सब्सिडी दी जाती है।
जलवायु अनुकूल बीज वितरण प्रणाली की दक्षता बढ़ाने के लिए 50% सब्सिडी दी जाती है। सीड हब के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में 50% सब्सिडी दी जाती है
नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी प्रकल्प पात्रता
नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी यानी पोकरा योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
- सबसे पहले आवेदक किसान होना चाहिए और महाराष्ट्र राज्य का निवासी होना चाहिए।
- पोकरा योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाता है जो अपनी भूमि का उपयोग कृषि कार्यों के लिए करते होंगे।
- इस योजना के अंतर्गत 5 सेक्टर से अधिक भूमि रखने वाले किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे
आवश्यक दस्तावेज़
पोकरा योजना का लाभ उठाने के लिए निचे दिए दस्तावेजों की आवश्यकता है,
आधार कार्ड
712, 8ए मार्ग
जाति प्रमाण पत्र (एससी और एसटी वर्ग के आवेदकों के लिए आवश्यक)
भूमिहीन प्रमाण पत्र (भूमिहीन किसानों और मजदूरों के लिए)
विधवाओं के लिए पति का मृत्यु प्रमाण पत्र
तलाकशुदा महिलाओं के लिए तलाक प्रमाण पत्र
राष्ट्रीयकृत बैंक नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना पोकरा योजना 2024 की बैंक पासबुक।
आवेदन करने के लिए यहां क्लिक करें
पोकरा योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। आप नीचे दिए गए आधिकारिक वेबसाइट लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।